अपना स्कूल कैसे खोलें और कैसे मान्यता प्राप्त करें, How to start a school in hindi

स्कूल कैसे खोलें, how to start a school in Hindi

अपना स्कूल कैसे खोलें इसके बारे में संपूर्ण जानकारी आपको दी जा रही हैै।

दोस्तों हमारे भारत देश में हमारी संस्कृति बहुत महत्वपूर्ण रोल रखती है जिसमें विद्यालय भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है बच्चे के जन्म के 2 यह 3 साल के बाद हर माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं।

चाहे वह किसी भी वर्ग से हो लेकिन अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कराना चाहते हैं और कई माता-पिता तो अपने बच्चों को शुरू से ही अच्छे संस्कारों के साथ अच्छी Education भी प्रदान करते हैं घर बैठे हुए अपने बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करते हैं How to start a school in hindi

हमारे देश के अंदर बहुत तरह के स्कूल खुले हुए हैं जैसे विद्यालय, सरकारी स्कूल, प्राइवेट स्कूल इत्यादि आजकल हर माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचते हैं हमेशा चाहते हैं उनके बच्चो का एक अच्छे विद्यालय में दाखिला हो जाए जहां पर उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ रहन-सहन के तौर-तरीके भी सिखाये जा सके।

आज के टाइम में बहुत सारे ऐसे Government school है जहां पर स्कूल का अच्छे से संचालन नहीं हो पाता, किसी भी सरकारी स्कूल में या तो अध्यापक की कमी हो जाती है या फिर अध्यापक पढ़ाने नहीं आते इस तरह की चिंताओं को लेकर माता-पिता अपने बच्चों को किसी निजी स्कूल, यानी कि प्राइवेट स्कूल में दाखिला दिलाते हैं

जिससे उनके बच्चे को एक अच्छी शिक्षा प्रदान की जा सके उनके बच्चों की अच्छी देखरेख की जा सके इसके लिए माता-पिता महंगी से महंगी फीस भी भरने को तैयार हो जाते हैं, अब टीचर की कमियों को लेकर सरकार ने बहुत स्कूलों का एकीकरण भी कर दिया है।

बहुत सारे सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां पर सरकार के पास षोशो की कमी रहती है वह रिजल्ट वगैरा सही से प्राप्त नहीं होते हैं यह समस्या भी देखने को मिलती है और ऐसे विद्यालयों की रिस्पांसिबिलिटी भी सरकार ने प्राइवेट क्षेत्रों को सौंपने की सोची है।

अगर आप एक अध्यापक हैं या आप टीचिंग लाइन में हैं तो आप भी अपना एक निजी स्कूल खोल सकते हैं जिसमें आप बच्चों के विकास के लिए योजना बना सकते हैं और उनको आगे बढ़ा सकते हैं अच्छे शिक्षा प्रदान करके उनका अच्छा विकास कर सकते हैं।

हर बच्चों की मानसिक बुद्धि के लिए अलग-अलग विधालय होते हैं जैसे मंदबुद्धि मुखबधिर आदि बच्चों के लिए। और एक विद्यालय वह होता है जिसने सामान्य बच्चों को पढ़ाया जाता है अगर आप एक सामान्य तरह के विधालय को खोलना चाहते हैं तो हम आपको इसी के बारे में अच्छी जानकारी देने वाले हैं टीचिंग फील्ड से संबंधित हम आपको अच्छी-अच्छी जानकारी देंगे।

 

School खोलने की प्रक्रिया स्कूल कैसे खोलें।

सबसे पहले आपको यह निर्णय लेना होगा कि आप किस तरह का स्कूल खोलना चाहते हैं क्योंकि भारत देश के अंदर बहुत तरह के स्कूल देखने को मिलते हैं आपको यह निर्णय लेना है कि आप किस तरह का स्कूल खोल सकते हैं। आइए जानते हैं स्कूल कैसे खोलें

जैसे कि प्ले स्कूल, प्री प्राइमरी स्कूल, प्राइमरी स्कूल  आप इन स्कूल में से कौन से स्कूल खोलना चाहते हैं वह आपका निर्णय हैं अगर बात की जाए सामान्य रूप से तो आप सबसे पहले प्री प्राइमरी स्कूल या प्ले स्कूल खोलना चाहिए

हम सभी जानते हैं कि हमारे भारत देश की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों को एक अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए अच्छे विकास के लिए निजी स्कूल में दाखिला दिलाते हैं

जहां पर उनका बच्चा खेलता हुआ सामाजिक तौर तरीके और विकास और शिक्षा के साथ समायोजित हो जाए। और बच्चा रोए भी नहीं यही सोचकर माता पिता अपने बच्चों को प्ले स्कूल में दाखिला दिलाते हैं।

School in hindi – अगर आप एक विद्यालय खोलना चाहते हैं तो आपको स्कूल का प्रबंधक बनने के लिए सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होता है इसके लिए आपको 12वीं कक्षा पास करने के बाद बी एस टी सी, डी एल डी कर सकते हैं

जो 2 या 3 वर्ष की होती है यह करने के लिए आपको इसका एग्जाम क्लियर करना पड़ता है, आप स्नातक करने के बाद b.ed करने की सोच रहे हैं तो वह भी कर सकते हैं इसके लिए भी आपको प्री एग्जाम पास करना होगा

यह सब करने के बाद आप इग्नू से स्कूल प्रबंधक का कोर्स कर सकते हैं आपको यह सब करने के बाद आपके पास स्कूल में पढ़ाने का 5 वर्ष तक का अनुभव भी होना जरूरी है।

 

स्कूल खोलने के लिए नियम और प्रक्रिया। ट्रस्ट की नियमावली

इसके लिए आपको सबसे पहले स्कूल का रजिस्ट्रेशन कराना होगा यह अनिवार्य होता है इसके बारे में आपको आगे बताया जाएगा।

  • अब आपके पास अपना School खोलने के लिए जगह का होना बहुत आवश्यक है। अगर आपके पास स्वयं की कोई जगह नहीं है तो उसके लिए आप कोई भी बिल्डिंग किराए पर ले सकते हैं जिसके जरिए आप अपना स्कूल वहां पर खोल सकते हैं।

 

  • अगर आपकी अपनी जगह ऐसे फील्ड में है जहां पर शोर-शराबा कम हो और जो आवासीय क्षेत्र से थोड़ा दूर हो तो वहां पर भी आप अपना स्कूल बना सकते हैं।

 

  • अगर आप राजस्थान क्षेत्र से हैं तो वहां पर जमीन से संबंधित है कुछ नियम है जिससे आपको 1 एकड़ से कम जमीन का रूपांतरण नहीं करना होगा तो आप उस जमीन से संबंधित इन नियमों का जरूर पालन करें। आपको प्ले स्कूल या प्री प्राइमरी स्कूल खोलनी है तो उसके लिए आप एक बिल्डिंग तैयार कर सकते हैं जिसमें आप 3 से 4 रूम या एक हॉल ले सकते हैं साथ ही साथ आपको अच्छे खिलौनों की भी जरूरत पड़ती है जिससे बच्चों का मन लगा रहता है।

 

  • और अगर बात की जाए प्राइमरी स्कूल की उसमें आपको 5 कमरे कक्षा के लिए चाहिए होते हैं और 1 कमरा अपने ऑफिस के लिए और एक 1 अपने लाइब्रेरी के लिए चाहिए होता है और साथ ही साथ 1 कमरा स्टाफ के लिए होना चाहिए और टॉयलेट वगैरा की भी व्यवस्था होनी जरूरी है आपको स्कूल का निर्माण करने मे 1000 स्क्वायर फीट से 1500 स्क्वायर फीट जगह की जरूरत होगी।

 

  • इस तरह से आपको अपने स्कूल का निर्माण करना है बाकी कार्य आपके ऊपर है आप अपने स्कूल के अंदर क्या-क्या फैसिलिटी देते हैं यह सब आप पर निर्भर करता है।

 

  • अपनी बिल्डिंग तैयार करने के बाद आपको जरूरत पड़ती है फर्नीचर की जिसमें आपके ऑफिस के लिए टेबल और कुर्सियों की जरूरत पड़ती है और कक्षाओं के अंदर विद्यार्थियों के लिए टेबल चेयर आदि की जरूरत पड़ती है यह आप अपने नजदीकी फर्नीचर स्टोर से बनवा सकते हैं या कहीं से ले सकते हैं अगर आपके स्कूल के अंदर 100 बच्चे हैं तो आपको 35 से 40 ऐसी टेबल की जरूरत पड़ेगी जिन पर बच्चों के बैग वगैरा रखे जा सकें एक सीट पर 3 बच्चे आराम से विराजमान हो सके।

 

  • उस हिसाब से आपको 35 से 40 सीट की जरूरत पड़ेगी और इसके अलावा आप कुछ सीट एक्स्ट्रा भी बनवा सकते हैं जिससे अगर कक्षा में रखे फर्नीचर में टूट-फूट हो जाए तो उसकी जगह आप एक्स्ट्रा में रखी हुई सीट का इस्तेमाल कर सकें।

 

  • इस सब में आपके लागत 30,000 से 40,000 आ जाएगी इसके बाद आपको अपने विद्यालय के लिए 5 से 6 कुशल अध्यापकों की जरूरत होती है, आपके स्कूल के रिकॉर्ड के लिए कुछ महत्वपूर्ण रजिस्टर की भी जरूरत होती है जिसमें आप विद्यार्थियों का विवरण और विद्यार्थियों की उपस्थिति आदि ऐड कर सकते हैं। अध्यापक के लिए भी रजिस्टर की जरूरत होती है।

 

स्कूल के लिए रजिस्ट्रेशन और स्कूल मान्यता मानक।

दोस्तों अगर आप अपना स्कूल खोलना चाहते हैं तो उसके लिए आपको एक संस्था बनाने होती है जो कोई भी 8 से 10 व्यक्ति मिलकर बना सकते हैं

इसके बाद आपको अपने उद्देश्य के लिए अच्छा प्रस्ताव लेकर रजिस्टार के पास रजिस्ट्रेशन के लिए जाना होता है जिसमें आपका 10,000 से 15,000 रुपया तक की लागत आ जाती है फिर आपकी इस संस्था का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा

आपको इसके लिए सर्टिफिकेट भी मिल जाएगा फिर आपको अपने स्कूल के लिए अध्यापक की सूची बनानी होगी और फिर मीटिंग के दौरान सभी कार्यों के बारे में बातचीत करनी होगी।

और यह भी ध्यान में रखने योग्य बातें हैं कि आपके स्कूल के अंदर कम से कम 2 अध्यापक b.ed वाले होने चाहिए, फिर अप्रैल-मई के बाद स्कूल में ऑनलाइन पंजीकरण होते हैं जिसमें आपको अप्लाई करना होगा

जिसमें आपका 2,000 के आसपास खर्चा आ जाएगा इस फॉर्म को भरने के बाद आपको अपनी संस्था के लिए सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी के साथ संलग्न डीईओ कार्यालय में जमा करानी होगी

जहां पर आपकी ₹10,000 की लागत आ जाएगी यह सब करने के बाद आपके स्कूल के अंदर 4 से 5 कर्मचारी मुआवजा करने के लिए आएंगे आपके स्कूल के बारे में जानकारी लेंगे और आपके सभी डाक्यूमेंट्स चेक करने के बाद ओके कर देंगे और यह सब करने के बाद आपके स्कूल का संपूर्ण कार्य पूरा हो जाएगा फिर आप अपने स्कूल प्रारंभ कर सकते हैं।

 

CBSC से मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया।

अगर आप अपना स्कूल खोल रहे हैं और उसके लिए CBSC से एफीलिएशन लेना चाहते हैं तो उसके लिए आपको सीबीएससी की ऑफिशल वेबसाइट पर जाना होगा। जिसका लिंक कुछ इस प्रकार है

http://cbseaff.nic.in/cbse_aff/welcome.aspx

आप इस लिंक की मदद से भी CBSC की ऑफिशियल वेबसाइट पर पहुंच सकते हैं इसकी प्रक्रिया बहुत ही आसान है इसको आप को बहुत ध्यान से पढ़ना होगा

इसके बाद जो भी कुछ इसमें बताया जाए वह प्रोसीजर आपको फॉलो करना होगा फिर आप यूजर रजिस्ट्रेशन करें फिर आपको एफिडेविट भी जमा करना होगा

सैंपल एफिडेविट का फॉर्म आप वहां से ही डाउनलोड कर सकते हैं आपको ड्रिंकिंग वॉटर रिपोर्ट और सैनिटेशन भी देना होगा फिर आप फॉर्म को पूरा भर कर उसको सबमिट कर दें,

और आप एपीलेशन के स्टेटस को भी सीबीएससी की ऑफिशल वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं अगर आपका स्कूल सीबीएससी द्वारा बताए गए सभी नियम का पालन और शर्तें पूरी करेगा तो आपकी एप्लीकेशन को अप्रूवल मिल जाएगा।

 

स्कूल के लिए अध्यापक कैसे चुने। Teachers selection

अगर आप अपने स्कूल के लिए अध्यापक का चुनाव कर रहे हैं तो उसके लिए आपको अध्यापक के कुशलता और परीक्षण सर्टिफिकेट को चेक करने की जरूरत पड़ती है उनके सर्टिफिकेट की अच्छे से जांच परख करनी होगी।

आपने बहुत सी जगह यह भी देखा होगा कि कई सारे Private School के अंदर 10वीं और 12वीं पास के अध्यापक भी पढ़ाने लगते हैं, हाल ही में सरकार ने कई राज्यों में एक ऐसा डिप्लोमा शुरू किया है जिसको करने के बाद आप विद्यालयों के अंदर पढ़ा सकते हैं

आपके पास या तो डिप्लोमा हो या प्रशिक्षण संबंधित डिग्री जैसे b.ed, btc, DELED आदि।

फिर उसके बाद आपको अध्यापक के व्यवहार को परखना होगा आपको जानना होगा कि यह अध्यापक पैसों के लिए बच्चों को पढ़ाना चाहता है या बच्चों को पढ़ाना अपना सेवक धर्म मानता है आपको उसके व्यवहार और अनुशासन को ध्यान में रखते हुए उसको रखने का निर्णय करना चाहिए।

 

अपने स्कूल की फीस कितनी रखें।

अगर सामान्य रूप से बताया जाए तो उस हिसाब से आप कुछ इस तरह की फीस रख सकते हैं अगर आपके स्कूल की कक्षा के अंदर 20-20 छात्र हैं तो उनके लिए आपको कुछ इस तरह की फीस रखनी चाहिए।

पहली कक्षा के लिए – 7000 – सालाना

दूसरी कक्षा के लिए – 7500 – सालाना

तीसरी कक्षा के लिए – 7800 – सालाना

चौथी कक्षा के लिए – 8000 – सालाना

पांचवी कक्षा के लिए- 8300 – सालाना

यह हमने सामान्य रूप से ली जाने वाली फीस की सूची आपको बताई है अगर आप चाहें तो अपने स्कूल की फैसिलिटी और अनुशासन और दी जाने वाली शिक्षा के हिसाब से अपनी फीस की सूची बना सकते हैं।

यदि आप उच्च प्राथमिकता वाला स्कूल खोलना चाहते हैं तो उसके लिए आपको परमिशन की जरूरत पड़ती है और फिर उसी हिसाब से आप अपनी फीस भी बढ़ा सकते हैं और साथ ही साथ आपको 5 से 8 तक की कक्षा को पढ़ाने के लिए टीचर्स की आवश्यकता पड़ती है।

 

स्कूल के डमिशन के लिए प्रचार कैसे करें। Advertisement for Admission

स्कूल खोलने के पश्चात सबसे जरूरी होता है अपने स्कूल में बच्चों का आगमन कराना इसके लिए आप अपने स्कूल का प्रचार भी कर सकते हैं उसके लिए आपको जरूरत पड़ेगी अपने स्कूल से संबंधित  बैनर, पोस्टर वगैरह छपवाने की।

जिसमें आप ज्ञानवर्धक शब्दों का प्रयोग करके अपने स्कूल के नाम के साथ अपने स्कूल के बारे में बता सकते हैं और आपके स्कूल में क्या क्या फैसिलिटी है किस तरह की बच्चों को शिक्षा दी जाती है वह सब आप उसमें बता सकते हैं,

आपको अपने School से संबंधित ऐसी जानकारी लोगों को प्रदान करनी होगी जिससे अगर लोग उसको पढे और आपके स्कूल की और आकर्षित होकर सोचे कि भविष्य का सही ज्ञान और शिक्षा की अच्छी व्यवस्था आपके स्कूल में ही है।

आपको इस बात का भी खास ध्यान रखना चाहिए कि आप अपने प्रचार बैनर या पोस्टर में किसी भी गलत तरह की जानकारी ना दें आप लोगों को भहकाने के लिए झूठी जानकारी लोगों तक न पहुंचाएं वरना इसके लिए आपको दंड भी भुगतना पड़ सकता है

और आपके स्कूल का लाइसेंस भी रद्द हो सकता है तो आप इस बात का खास ध्यान रखें कि आपके स्कूल के अंदर जो रियल में फैसिलिटी और शिक्षा की व्यवस्था है उसी के बारे में लोगों को बताएं।

आपके द्वारा छपाई गई टेंप्लेट बैनर वगैरह को आपको न्यूज़पेपर में लगाकर शहर या गांव के अंदर बांटना होगा और आप जिस क्षेत्र में अपने स्कूल खोल रहे हैं आप उस क्षेत्र के घरों में जाकर अपने स्कूल के बारे में उनको बता सकते हैं

आपको घर-घर जाकर लोगों को कंसल्ट करना होगा और जानना होगा कि उनके घर में कितने बच्चे हैं फिर उनको अपने विद्यालय के बारे में जानकारी देकर उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा के उद्देश्य से, अपने स्कूल में दाखिला लेने के लिए कंवेंस करना होगा।

आप जिस शहर में अपना स्कूल खोल रहे हैं और उस शहर का कौई न्यूज़ चैनल भी चलता है तो आप न्यूज़ चैनल के अंदर अपने स्कूल का एडवर्टाइजमेंट कर सकते हैं और साथ ही साथ आप जिस घर पर जाकर बच्चों के एडमिशन के लिए मां-बाप को कन्वेंस करते हैं उनसे आपको उनका कांटेक्ट नंबर भी लेना चाहिए जिससे आप एक बार फिर कॉल करके उनको कंसल्ट कर सकें।

 

स्कूल कैसे चलाएं और क्या योजनाएं होती हैं प्राइवेट स्कूल के नियम।

स्कूल को अच्छे से चलाने के लिए सबसे पहले अध्यापक को अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी, आपको उचित समय पर परेड वगैरा की व्यवस्था रखनी होगी जिसमें आप कई तरीके की गतिविधियां भी संचालित कर सकते हैं जिसमें आप बच्चों को कविता बुलवा सकते हैं या जनरल नॉलेज के क्वेश्चन आंसर करवा सकते हैं। और साथ ही साथ आपको नीचे बताई गई जानकारी को भी अपनाना होगा।

 

  • आप विषय के आधार पर कक्षा का टाइम 25 से 30 मिनट के अंदर का रख सकते हैं।

 

  • फिर अध्यापक को कक्षा में जाने के बाद बच्चों की अटेंडेंस लेनी होगी और फिर विषय के आधार पर बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करनी होगी।

 

  • फिर कुछ समय के बाद आपको लंच टाइम भी रखना जिसमें बच्चों को पढ़ाई करते वक्त कुछ टाइम माइंड फ्रेश करने या भोजन करने के लिए मिल सके।

 

  • फिर लंच के बाद पुनः उनका अध्ययन शुरू होगा जिसमे बच्चों को खेल और मनोरंजन के आधार पर पढ़ाया जाएगा।

 

  • और बच्चों की सेहत का भी पूरा ध्यान रखना होगा किसी भी बच्चे को इमरजेंसी पड़ने पर उसको विशेष उपचार देने की फैसिलिटी भी आपको रखनी होगी और बच्चों के मां-बाप को एक तुरंत सूचित करने पर ध्यान देना होगा।

 

  • और स्कूल का अध्ययन कार्य पूरा होने के बाद छुट्टी के पश्चात बच्चों को वाहन आदि के माध्यम से उनके घर पर सुरक्षित पहुंचाना होगा या उनके अभिभावक के आने के बाद बच्चों को उनके साथ भेजा जाएगा।

 

  • और साथ ही साथ आपको समय-समय पर बच्चों के लिए प्रतियोगिताएं भी रखनी होंगी school natak बाल सभा रखनी होंगी और महापुरुषों की जयंती वगैरह भी मनानी होगी और हफ्ते में एक दिन विभिन्न विभिन्न तरह के खेल भी बच्चों को खिलाने होंगे जिससे बच्चों के ऊपर पढ़ाई का ज्यादा प्रेशर न पड सके।

 

स्कूल खोलने पर कितना फायदा होगा।

अगर हम कोई स्कूल खोल रहे हैं अगर उस से प्राप्त होने वाले लाभ की बात करें तो मान लीजिए आपके स्कूल के अंदर छात्रों की संख्या 100 है और हर एक कक्षा में छात्रों की संख्या लगभग 20-20 है इस हिसाब से पहली कक्षा के बच्चों की फीस लगभग 140,000 रुपए होगी और दूसरी कक्षा के बच्चों की फीस 150,000 रुपए होगी और तीसरी कक्षा के बच्चों की फीस 156,000 रुपए होगी और चौथी कक्षा के बच्चों की फीस 160,000 होगी और फिर पांचवी कक्षा के बच्चों की फीस 166,000 होगी अगर इनको जोड़ दिया जाए तो आपके पास कुल 772,000 हजार रुपए होंगे।

अगर आप खर्च निकाल कर देखें तो आपको हर महीने अध्यापक को 7 हजार रुपए उनकी सैलरी के रूप में देने होंगे तो सालाना आप अध्यापक को ₹420,000 देंगे

और बिजली पानी वगैरह का खर्चा माने तो आप को प्रतिमाह ₹10,000 मानकर चलने होंगे जो सालाना के एक लाख होते हैं मतलब सभी खर्चे निकालकर आपके पास सालाना ₹252,000 बचते हैं

अगर आप राउंड फिगर के खर्चे भी माने जैसे अध्यापक के तनख्वाह में बढ़ोतरी तो आप इसमें से ₹50,000 और निकाल सकते हैं इस हिसाब से आपके पास ₹200,000 बचते हैं और इस हिसाब से आपको महीने के ₹20,000 तक का लाभ हो जाता है

फिर जैसे-जैसे आपके स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ती है वैसे वैसे ही आपका मुनाफा भी बढ़ता चला जाता है अगर पहले साल में आपके स्कूल में 100 बच्चे हैं और अगले साल आपके स्कूल में 200 बच्चे होते हैं तो आप का मुनाफा इसमें डबल हो जाता है आप महीने के ₹40000 तक या बच्चों की बढ़ोतरी के आधार पर उससे ज्यादा भी कमा सकते हैं।

 

स्कूल कैसे खोलें इस विषय में सावधानियां बरतने योग्य बातें।

आपको सबसे ज्यादा सावधानी अनुशासन में बरतनी होगी अनुशासन ही विद्यालय का सबसे अच्छा गुण होता है आपको अनुशासन को ध्यान में रखकर अपने विद्यालय को चलाना होगा।

आपको अनुशासन के साथ साथ निरंतर भी रखना होगा केवल विद्यार्थियों का अनुशासन ही नहीं बल्कि अध्यापकों का अनुशासन भी ध्यान में रखना होगा और अपने पूरे स्टाफ का अनुशासन आपको ध्यान में रखते हुए चलना होगा।

क्योंकि बच्चे हमेशा अनुकरण से ही सीखते हैं आपको यह मानकर चलना चाहिए कि बच्चे एक गीली मिट्टी की तरह होते हैं आप जैसा उनको बनाते हैं वह वैसा बन जाते हैं उनमें सही गलत की पहचान नहीं होती इसलिए आप जो बच्चों को सिखाएंगे बच्चे वह सीखेंगे तो इसलिए आपको सभी चीज अनुशासन में रहते हुए बच्चों को सिखाने होगी। School in hindi

आपको अपने रहन सहन में भी सुधार करना होगा आपको अपना पहनावा एक शिक्षक के जैसा रखना होगा और आपका पढ़ाने का तरीका भी अनुशासन पूर्ण होना चाहिए और आपके अंदर बात करने का अच्छा तरीका होना चाहिए आप किसी से भी अकड या गुस्से से बात ना करें आपके शब्दों में ज्ञानवर्धक के साथ सम्मान जनीत शब्द मौजूद होने चाहिए।

और सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि आप को बच्चों के ऊपर कभी हाथ नहीं उठाना चाहिए यह कानून के खिलाफ होता है इसके लिए आप पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है

इसलिए आप सभी बच्चों से शांति से और प्यार से पेश आएं बच्चों को प्यार की भाषा से समझाएं जो बात मारपीट करके नहीं समझी जा सकती है वह प्यार से बड़ी आसानी से समझाई जा सकती है।

स्कूल चलाने के लिए आपको समय का प्रतिबंधक होना जरूरी है और साथ ही आपको विधालय के रिकॉर्ड का भी ध्यान रखना जरूरी है। कभी ऐसा कदम न उठाएं जिससे आपके ट्रस्ट की इमेज या रिकॉर्ड खराब हो जाए।

आरटीई एक्ट के अनुसार आपको अपने स्कूल की 25 परसेंट सीटें आरक्षित रखनी होंगी आपको टीचर के अध्यापन की भी जांच करनी होगी की अध्यापक किस तरह से बच्चों को पढ़ा रहा है किस तरह की शिक्षा बच्चों को प्रदान कर रहा है यह सब आप पर निर्भर करता है आपको अपने स्कूल के अंदर अच्छे-अच्छे टीचिंग मेथड को अपनाना होगा।

दोस्तों यह थी कुछ स्कूल खोलने से संबंधित जानकारी अगर आप इन सभी जानकारियों को फॉलो करते हुए अपने स्कूल खोलने की शुरुआत करेंगे तो आप एक अच्छे प्रबंधक बन पाएंगे,

तो दोस्तों हमने आज यह जाना की अपना स्कूल कैसे खोले सकते हैं और उसको कैसे चला सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और इसके विषय में अगर आपको कोई और जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

 

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