चार मीनार का सच | Char minar Hyderabad history in hindi

हैदराबाद की चारमीनार की सच्चाई।
Hyderabad Charminar history in Hindi
Char minar history, Hyderabad Charminar

Char minar: आंध्र प्रदेश हैदराबाद का सबसे फेमस स्थान है जितना पैरिस के अंदर एफिल टावर फेमस है आगरा के अंदर ताजमहल फेमस है चारमीनार उतना ही फेमस है हैदराबाद के अंदर दराबाद भारत देश के 10 ऐतिहासिक स्थानों में से एक है चारमीनार का मतलब होता है चार टावर जो चारमीनार है वह मुरी नदी के किनारे स्थापित है 
जिसने चार मीनार का निर्माण कराया था उसका नाम मोहम्मद कुली कुतुब शाह है। चारमीनार लगभग 450 साल पहले बना कर खड़ा किया गया था जो आज के टाइम में हैदराबाद शहर के एकदम बीच में स्थित है जो चारमीनार टावर है उसके निर्माण के बाद उसके चारों तरफ हैदराबाद शहर का निर्माण हुआ और चारमीनार के उत्तर में जो उसके गेट हैं वहां पर चार प्रवेश द्वार हैं जिनको चार कमान भी कहा जाता है।
Char minar निर्माण के लिए और हैदराबाद शहर के लिए फारसी के आर्किटेक्चर को बुलवाया गया था और इसकी सरचना एक मदरसे एवं मस्जिद के रूप में की गई थी जो इसकी कला थी ओजस की सहेली थी वह भारतीय इस्लामिक का मिश्रण थी जिसमें कुछ जगह पर फारसी के वस्तु कला भी देखने को मिलती है।

चार मीनार का इतिहास।

Char minar history

नाम चार मीनार
स्थान हैदराबाद, तेलांगना
प्रशासन प्रबंधक कुली क़ुतुब शाह
वास्तुकला शैली इस्लामिक
निर्माण 1591
चार मीनार की ऊंचाई 48.7 मीटर
कुतुब शाही राजवंश के जो पहुंचे सो सकते हैं जिनका नाम सुल्तान मोहम्मद कुली कुतुब शाह था उन्होंने 1591 में इस हैदराबाद शहर का निर्माण करवाया था और गोल्कोंडा से हैदराबाद के अंदर अपनी राजधानी को स्थापित करवाने के बाद इन्होंने एक इमारत के रूप में इस चार मीनार का निर्माण भी करवाया था
इसी चारमीनार की वजह से पूरे भारत के अंदर दराबाद का नाम सहमत है चार मीनार का निर्माण इसलिए कराया गया था ताकि गोलकोडा और पोर्ट जो मछलीपट्टनम के व्यापार मार्ग खोल जोड़ सकें। चारमीनार निर्माण के पीछे का एक कारण और सामने आता है लोग कहते हैं 
कि उस समय में हैदराबाद के पास प्लेग रोग बहुत अधिक फैल चुका था जो वहां के सुल्तान सुल्तान खुली थे उन्होंने इस बीमारी से निजात पाने के लिए बहुत बड़े कदम उठाए थे इस बीमारी से जीत ही गए थे तब प्ले बीमारी के अंत चीन के रूप में उन्होंने इस char minar का निर्माण हैदराबाद के अंदर कराया था।

चारमीनार की संरचना।

Structure of Charminar

Char minar जो है वह चारमीनार ओं की एक बहुत ही शक्तिशाली विशाल और पर बहुत सारी संरचना है जो चाय बनाकर संरचना है वह वर्गाकार है जिसकी सभी साइड 20 मीटर लंबी है चार मीनार के अंदर हर दिशा में एक दरवाजा मौजूद है और प्रत्येक कोने में 56 मीटर की ऊंची लंबी मीनार है 
जिसके अंदर दो बालकनी देखने को मिलती है और हर एक मीनार के ऊपर वाले हिस्से में उनकी लिपि की तरह एक बल्ब नुमा गुबंद का डिजाइन दिया गया है उसको देख कर ऐसा लगता है 
जैसे कि किसी ने मीनार को ताज पहना रखा हो जैसे ताज महल के अंदर चार मीनार ए हैं वैसे ही चारमीनार की चारमीनार इसकी मुख्य संरचना है यहां पर इसकी छोटी पर जाने के लिए लगभग 149 घुमावदार सीढ़ियां मौजूद हैं एकदम अलग तरह की बालकनी और मीनार की संरचना सवाई सजावट के लिए इसको जाना जाता है।
जो चारमीनार की संरचना थी वह मोर्टार, चूना पत्थर, ग्रेनाइट और चुरनित्त संगमरमर के द्वारा की गई थी शुरू शुरू में चारमीनार की खातिर एक निश्चित अनुपात में चार मेहराब बस को बनाने की प्लानिंग भी की गई थी लेकिन उसके बाद जब हैदराबाद शहर का निर्माण हुआ
और उसके बाद वहां के किले को खोला गया तो शहर के चारों तरफ जैसे चमक-दमक मानो खुशहाली आ गई इसके बाद यहां पर एक बड़ी इमारत के रूप में चारमीनार का कार्य प्रारंभ हुआ चारमीनार को एक साहि इलाका माना जाता था और यहां पर बहुत अधिक चहल-पहल भी होती थी जो चारमीनार है वह 2 मंजिल की इमारत है और इस इमारत की बालकनी से आसपास के क्षेत्र की सुंदरता को बड़ी आसानी से देखा जा सकता है
गोलकोडा किले को char minar से जोड़ने के लिए उसके अंदर बहुत सारी सुरंग का निर्माण भी कराया गया था, इसका निर्माण शायद इसीलिए कराया होगा ताकि किले पर अगर दुश्मनों की घेराबंदी हो तो जो कुतुब शाही के साथ सके हमें वहां से छिपकर भागने में सुरंगों द्वारा सफलता से बाहर निकल जाए। और वहां पर इन सुरंगों के जो स्थान है मैं आज भी अज्ञात हैं।
जो चारमीनार के पश्चिम की इमारत है वह ऊपर हिस्से से खुली हुई है जो एक मस्जिद के रूप में है वहां के जो बाकी से थे उनमें कुतुब शाही जी का दरबार हुआ करता था और यह मस्जिद पश्चिम में है जो इस्लाम के पवित्र स्थल मक्का की तरफ मुंह किए हुए हैं जहां की मुख्य मैच जीत है वह 4 मंजिला इमारत के सबसे ऊपर वाली मंजिल में स्थित है वहां पर दो बार करने को जोड़ने के लिए छज्जा भी बना हुआ है 
और फिर उसके ऊपर एक बड़ी छतरी है और उसके चारों और पत्थर की बाउंड्री की हुई है और वहां पर जो एक मुख्य बालकनी है उसमें 45 जगह है यहां पर बैठकर लोग प्रार्थना करते थे और प्रार्थना की भी जा शक्ति है। हो जिसके सामने का हिस्सा है 
वह खुला हुआ है जहां पर शुक्रवार के दिन अधिक लोग हो जाते हैं और वहां पर प्रार्थना की जाती है जो char minar हैं उसके चारों मीनार पर चार प्रमुख दिशाओं में 1889 के दशक में वहां पर घड़ी भी लगाई गई थी जो चारमीनार का बीचो-बीच है वहां पर एक तालाब भी मौजूद है जिसके ऊपर वाले भी लगे हुए हैं जब मैं जितने लोग प्रार्थना करते हैं तो उससे पहले यहां पर हाथ पैर होते हैं।

मक्का मस्जिद। (Macca masjid)

चार मीनार के अंदर एक और बड़ी मस्जिद मौजूद है जिसको मक्का मस्जिद भी कहा जाता है कुतुब शाही राजवंश के 25 के शासक थे जिनका नाम मोहम्मद कुली कुतुब शाह था इन्होंने मिट्टी से बनी ईट इस्लाम का जो तीर्थ स्थल है मक्का वहां से मंगवाई थी ईंटों के द्वारा जो चारमीनार का मुख्य में जीत है उस के बीचो बीच चाप का निर्माण हुआ था जिसके पश्चात उस मस्जिद का नाम मक्का मस्जिद पड़ गया था लोग यह भी कहते हैं कि यह हैदराबाद की सबसे पुरानी मस्जिद में से एक है।

चारमीनार बाजार। (Char minar bazar)

जो चारमीनार का आसपास का इलाका है वह char minar कहलाता है और इसके आसपास है अलग-अलग तरह के बाजार भी हैं जो चारमीनार के पास स्थित लाड बाजार है अति सुंदर चूड़ियों के लिए और गहनों के लिए जाना जाता है और वहां पर एक बाजार है पाथेर गट्टी जब मोतियों के बाजार के नाम से फेमस है 
जो चारमीनार है उसके चारों तरफ करीबन 14000 से ज्यादा दुकानें होंगे कुतुब शाही के शासक से लेकर निजाम के शासक तक और ब्रिटिश साम्राज्य से लेकर अभी तक चारमीनार के आसपास हलचल वाली गतिविधियां होती रहती हैं हिस्ट्री के अनुसार यह अकेला ही एक ऐसा सा इलाका है जहां पर बहुत ज्यादा मात्रा में आम आदमियों की हलचल होती रहती है।
Char minar के आसपास जो बाजार हैं वहां से आप सस्ती से सस्ती और महंगी से महंगी वस्तुएं आसानी से कर सकते हैं और यहां पर खाने-पीने के बहुत सारे स्टॉल मौजूद हैं जहां पर हैदराबाद की बिरयानी और कुलचे और नहरी बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है हैदराबाद उन सभी शहरों में से एक शहर है जहां पर आधुनिकता और परंपरा का मिश्रण दोनों देखने को मिलते हैं।

चारमीनार के रोचक तथ्य। 

Char minar interesting facts

  • जो चारमीनार के चाप हैं उन प्रत्येक चाप का निर्माण 1889 में हुआ था।
  • चारमीनार का जो निर्माण है वह साजिया वास्तु कला शैली के अनुसार हुआ था
  • लोग यह भी कहते हैं कि जो मोहम्मद कुली कुतुब शाह के उन्होंने किसी गुप्त वादे की वजह से इस इमारत का निर्माण किया था।
  • जो char minar है और गोलकोडा है बीच में बहुत सारी सुरंग मौजूद हैं लेकिन किसी भी सुरंग का स्थान किसी को ज्ञात नहीं।

निष्कर्ष।

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