होली की कहानी, होली क्यों मनाई जाती है | Holi 2022 in hindi celebration, history

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भारत देश को त्योहारों का देश माना जाता है यहां पर अलग-अलग जातियों के लोग अपने अपने त्यौहार को बड़े धूमधाम बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं और इन्हीं में से एक त्यौहार है जिसका नाम है होली हम आज बात करने वाले हैं “होली क्यों मनाई जाती है” होली की कहानी क्या है और “2022 में होली कब है” 

भारत के अंदर त्यौहार सामान्यतः हिंदी पंचांग के तहत मनाए जाते हैं इसी प्रकार होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है।

होली क्यों मनाई जाती है , होली की कहानी।

(Holi kyu manayi jati hai, holi story)

सभी त्योहारों की अपनी एक कहानी होती है जो कि धार्मिक मान्यताओं पर आधारित होती है इसी प्रकार होली की भी अपनी एक कहानी है जो कि इस प्रकार है।

एक हिरण्यकश्यप नाम का राजा हुआ करता था जो खुद को सबसे अधिक बुद्धिमान और बलवान समझा करता था और इसी वजह से वह देवताओं से भी घृणा कर किया करता था

और वह देवताओं के भगवान विष्णु जी का नाम भी सुनना पसंद नहीं किया करता था लेकिन जो हिरण्यकश्यप का पुत्र था जिसका नाम था “परलाद” वह भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था और यही बात फिर हिरण्यकश्यप को बिल्कुल भी पसंद नहीं थी

और हिरण्यकश्यप कहीं तरह से अपने पुत्र को डराता और धमकाता और उसको भगवान विष्णु की आराधना करने के लिए रोकता था लेकिन पहलाद उनके एक भी बात नहीं सुनता था और इसी सब से परेशान होकर हिरण्यकश्यप ने एक रोज एक योजना बनाई।

जिसके अनुसार हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को अग्नि पर पहलाद के साथ बैठा दिया

(होलिका को यह वरदान प्राप्त था होलीका अग्नि में कभी भस्म नहीं हो सकती थी उसको अग्नि पर विजय प्राप्त थी वह कभी भी अग्नि में नहीं जल सकती थी) 

इसी बात का फायदा उठाते हुए हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को पहलाद के साथ अग्नि पर बैठने को कहा और फिर पहलाद अपनी बुआ यानी कि होलिका के साथ अग्नि पर बैठ गए और भगवान श्री विष्णु की भक्ति में लीन हो गए

फिर अचानक होलिका जलने लगी जबकि उसको वरदान प्राप्त था कि वह अग्नि में कभी नहीं चल सकती उसके पश्चात भी होली का अग्नि में जलने लगी और तभी एक आकाशवाणी हुई जिसमें होलिका को स्मरण कराया गया कि अगर वह अपने वरदान का दुरुपयोग करेगी तब वह कोई जलकर अग्नि में भस्म हो जाएगी और फिर ऐसा ही हुआ।

और पहलाद का अग्नि कुछ भी नहीं बिगाड़ पाई और होलिका जो थी वह जलकर भस्म हो गई और इसी प्रकार सभी ने वहां की प्रजा ने हर्षोल्लास के साथ बहुत खुशियां मनाई और तभी से आज तक उस दिन को होलिका दहन के नाम से मनाया जाने लगा और अगले दिन रंगों के साथ इस दिन को मनाया जाता है।

होली कैसे मनाते हैं।

(Holi kaise manate hai)

होली का जो त्योहार है वह पूरे भारत के अंदर मनाया जाता है लेकिन उत्तरी भारत में इसको ज्यादा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और बहुत उत्साह से मनाया जाता है होली के शानदार त्यौहार को देखने के लिए लोग गोकुल, वृंदावन, ब्रिज जैसे स्थानों पर जाते रहते हैं क्योंकि इन सभी स्थान पर यह त्यौहार काफी दिनों तक मनाया जाता है। 

ब्रज के अंदर एक ऐसी प्रथा है जिसमें जो पुरुष होता है वह महिलाओं पर रंग डालते हैं और महिलाएं जो होते हैं उनको डंडे से मारती हैं चेक बहुत ही प्रसिद्ध और मनोहर पड़ता है जिसको देखने के लिए लोग उत्तर भारत जाते हैं

राजस्थान के ऐसे भी होते हैं जहां पर फूलों से होली मनाई जाती है और गाने बजा कर एक दूसरे के साथ नाच गाना भी किया जाता है और खुशियां मनाई जाती हैं।

महाराष्ट्र के अंदर रंग पंचमी का बहुत अधिक महत्व है लोग वहां पर टोली बनाकर एक दूसरे को गुलाल रंग लगाते हैं और खुशियां मनाते हैं हैं और घर घर जाकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं और एक दूसरे के द्वारा बुलाने पर उनके घर जाते हैं और वहां पर जाकर खुशियां बांटते हैं और एक दूसरे से रंग लगाते हुए यह भी बोलते हैं कि “बुरा ना मानो होली है” 

भारत का इंदौर शहर है वहां पर होली की कुछ अलग ही रंगत और धूम देखने को मिलती है जिस को रंग पंचमी की “गैर” भी कहा जाता है जिसमें पूरा इंदौर शहर एक साथ बाहर निकलता है और आनंद उठाते हुए नाचते गाते हुए त्यौहार को मनाता है और त्यौहार का आनंद लिया जाता है मैं इस तरह के आयोजन के लिए 15 दिन पहले से ही प्लानिंग करके त्यौहार की तैयारियां शुरू कर देते हैं।

रंगो का जो है त्यौहार होता है इसको “फाल्गुन महोत्सव” भी कहा जाता है इसमें ब्रज की भाषा में सभी गीतों को गाया जाता है और होली का एक विशेष भाग भांग का पानी भी होता है 

जिसका सेवन कर के नशे में मदमस्त होकर सभी एक दूसरे के गले मिलते हैं और नाचते गाते हैं और सबको बधाइयां देते हैं एक दूसरे की नोकझोंक बुलाकर सब आपस में प्यार बांटते हैं।

होली के दिन सभी के घरों पर कई तरह के पकवान भी बनते हैं इस दिन अच्छे-अच्छे स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं और एक दूसरे को समर्पित किए जाते हैं इससे प्यार बढ़ता है।

होली खेलते समय सावधानी।

(Holi khelte samay sawadhani)

  • होली रंगों का त्योहार होता है इसीलिए इसको बड़ी सावधानी के साथ मनाना चाहिए क्योंकि आजकल रंगों में बहुत मिलावट होती है जिससे नुकसान भी झेलना पड़ सकता है इसलिए अच्छी क्वालिटी के रंग ही आप खरीदें।

  • और इस दिन भांग पीने का भी माहौल देखने को मिलता है भांग में भी नशीले पदार्थ मिलाए जाते हैं इसलिए आप इस सब से बचें।

  • खराब रंगों से घटिया क्वालिटी के रंगों से आंखों की बीमारी होने का खतरा भी बढ़ रहा है इसलिए आप सावधानी से होली खेले और अच्छे रंगों का इस्तेमाल करें।

  • घर से बाहर बनी कोई भी वस्तु खाने पीने से पहले सोचे क्युकी इसमें मिलावट भी हो सकती है इसलिए जितना हो सके घर पर बनी वस्तुएं ही खाएं।

  • और सावधानी से एक दूसरे को आप रंग लगाएं और जो रंग लगवा नहीं चाहता उसके साथ जबरदस्ती ना करें क्योंकि होली के त्योहारों पर लड़ाई झगड़ा होने की संभावना ज्यादा रहती है।

होली शायरी। (Holi shayari)

  • रंगीन दुनिया का रंगीन पैगाम है होली हर यही धूम है मची बुरा न मानो होली है होली।

  • रंगों से भरी इस दुनिया में रंग रंगीलो त्योहार है होली गिले शिकवे भुला कर खुशियां मनाने का त्यौहार है होली।

निस्कर्ष।

यह थी होली से संबंधित जानकारी हमने इसलिए के अंदर आपको बताया कि “होली क्यों मनाई जाती है” और हमने आपको बताया की होली की असली कहानी क्या है अगर आपको है जानकारी अच्छी लगी हो तो इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं आपको यह जानकारी कैसी लगी।

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