आइये जानते है, आयरन की कमी से महिलाओं में होने वाले एनीमिया के गुण

आइये जानते है, आयरन की कमी से महिलाओं में होने वाले एनीमिया के गुण, भारत में हर दो महिलाओं में से एक एनीमिक है। यह हम नहीं कह रहें बल्कि मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर द्वारा आयोजित नेशनल फैमिली हेल्‍थ सर्वे 2015-16 के आंकड़ों से पता चला है। आंकड़ों के अनुसार 15 में से 10 राज्यों में 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे एनीमिक होते हैं, जबकि 11 राज्यों में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं एनीमिक हैं। देश की हेल्‍थ केयर में बढ़ोतरी के बावजूद, एनीमिया न केवल मेडिकल से जुड़े लोगों बल्कि भारत में तेजी से बढ़ रहे आबादी के लिए भी एक बड़ी चिंता का विषय है।

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सामी लैब्‍स की डायरेक्‍टर और सीनियर साइंटिस्‍ट Ms. Anju Majeed के अनुसार, “एनीमिया दुनिया में सबसे आम पोषक तत्‍वों की कमी संबंधी विकार है। हालांकि यह सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन इससे सबसे ज्‍यादा बच्चे, लड़कियां और खासतौर पर गर्भवती प्रभावित होती हैं। World Health Organization (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, विश्व स्तर पर एनीमिया 1.62 अरब लोगों को प्रभावित करता है।”

आइये जानते है, आयरन की कमी से महिलाओं में होने वाले एनीमिया के गुण

एनीमिया कई तरह के होते हैं, जैसे आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया (आईडीए), विटामिन की कमी से होने वाला एनीमिया, ऐप्लस्टिक एनीमिया आदि। लेकिन भारत सहित दुनिया भर में आईडीए सबसे ज्‍यादा प्रचलित है। Journal Nutrition के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि कम से कम 20 प्रतिशत maternal deaths सीधे एनीमिया से संबंधित हैं।

जबकि Dietary Allowance (RDA) ने पुरुषों के लिए 17 mg/day और महिलाओं के लिए 21 mg/day होना चाहिए। जबकि औसत भारतीय संतुलित आहार में केवल 7-9 mg आयरन/1,000 kcal है। भारत में आईडीए की अत्‍यधिक खपत के लिए दोषपूर्ण आयरन अवशोषण, बार-बार गर्भधारण, जन्‍म के समय आयरन की कमी, बच्‍चों में बार-बार इंफेक्‍शन आदि जैसे अन्‍य कारक जिम्‍मेदार है।

आइये जानते है, आयरन की कमी से महिलाओं में होने वाले एनीमिया के गुण

आयरन की कमी के लक्षण

* थकान और कमजोरी
* चेस्‍ट पेन, दिल की तेज धड़कन और सांस की तकलीफ
* सिरदर्द, चक्कर आना या हल्कापन
* कमजोर नाखून और पीली त्वचा
* भूख में कमी और जीभ में सूजन

Lungs से बॉडी के बाकी अंगों में ऑक्‍सीजन ले जाने के अलावा, आयरन इम्‍यून सिस्‍टम को हेल्‍दी रखने, एनर्जी लेवल को बढ़ाने और सीखने और काम करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए जरूरी होता है। पीरियड्स के दौरान आयरन की मात्रा खाने के कारण महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक आयरन की जरूरत होती है। हर दिन ब्‍लीडिंग के समय लगभग 1 mg आयरन खोता है। आयरन की जरूरत reproductive age, प्रेग्‍नेंसी और ब्रेस्‍टीफीडिंग के दौरान बढ़ जाती है।

आइये जानते है, आयरन की कमी से महिलाओं में होने वाले एनीमिया के गुण

दो प्रकार के डाइटरी आयरन : हेम आयरन और नॉन-हेम आयरन होते हैं। हेम आयरन एनिमल सोर्स जैसे मीट, प्रॉन्स, श्रिम्प आदि में होते है। यह नॉन हेम की तुलना में आसानी से अवशोषित होते हैं। दूसरी ओर, नॉन हेम आयरन plant sources में पाए जाते हैं। अधिकांश आयरन सप्‍लीमेंट synthetically सोर्स होने असुरक्षित होते हैं। इससे कब्‍ज, पेट में गड़बड़ी और कुछ मामलों में उल्‍टी की समस्‍या हो सकती है। हालांकि, बाजार में उपलब्‍ध आयरन सप्‍लीमेंट का क्लीनिकल मूल्‍यांकन किया होता है और इन्‍हें सुरक्षित और प्रभावी समझा जाता है।

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एनीमिया हमारी भावी पीढ़ियों के लिए एक खतरे की तरह है। इसलिए मानव हेल्‍थ और कल्याण के लिए इस विश्‍व स्‍तरीय संकट से निपटने के लिए स्थायी समाधान खोजने का यहीं सही समय है।

आइये दोस्तों जानते है, शरीर में कैल्शियम की कमी के लक्षण….

आइये दोस्तों जानते है, शरीर में कैल्शियम की कमी के लक्षण…. कैल्शियम हमारी बॉडी लिए बहुत जरूरी है खासकर हड्डियों, मसल्‍स और दांतों की मजबूती के लिए। इसके लिए बॉडी में कुछ एंजाइम और हॉर्मोंन होते हैं जिनके विकास के लिए भी कैल्शियम बहुत जरूरी होता है। ये हर उम्र के इंसान के लिए, फिर चाहे वह बच्चा हो, बूढ़ा या फिर जवान सब के लिए जरूरी है। खासतौर पर महिलाओं के लिए तो कैल्शियम बहुत जरूरी है क्‍योंकि महिलाओं की बॉडी में एक समय के बाद कैल्शियम की कमी होने लगती है। महिलाओं की बॉडी में पीरियड्स, डिलीवरी के समय और ब्रेस्‍टफीडिंग के बाद कैल्शियम कम होने लगता है। आज हम आपको बताएंगे ऐसे फूड्स के बारे में जिनमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है और जिनके सेवन से कैल्शियम की कमी दूर हो जाएगी।

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एक्‍सपर्ट की सलाह

न्‍यूट्रीशनिस्ट कविता का कहना है कि ”लड़कियों को कई नेचुरल प्रोसेस जैसे पीरियड, प्रेग्‍नेंसी, ब्रेस्‍टफीडि़ग और मीनोपॉज से गुजरना होता है। ऐसे में उन्हें अच्‍छी डाइट और ज्यादा कैल्शियम की जरूरत होती है। मेनोपॉज के बाद तो लेडीज की बॉडी में कैल्शियम कम होने लगता है। लेकिन दुविधा यह है कि आज भी हमारे समाज में लड़कियों को लड़कों के मुकाबले डाइट कम दी जाती है।”

आइये दोस्तों जानते है, शरीर में कैल्शियम की कमी के लक्षण….

न्‍यूट्रीशनिस्ट कविता का यह भी कहना है कि ”हमारी बोन्‍स का बहुत अधिक हिस्सा कैल्शियम फॉस्फेट से बना होता है। यही कारण है कि कैल्शियम हमारी बोन्‍स की हेल्‍थ के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक कैल्शियम की जरूरत होती है, क्योंकि वे उम्र के साथ बोन्‍स प्रॉब्‍लम्‍स से अधिक जूझती हैं।”

दूध और उससे बने प्रोडक्‍ट

कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत को माना जाता है। इसलिए कहा भी जाता है कि रोजाना दूध पीना चाहिए। एक गिलास दूध में करीब 300 ग्राम कैल्शियम होता है। दूध की कमी से बॉडी में कितने कैल्शियम की कमी हो जाती है। दांतों के टूटने या गिरने, हड्डियों के कमजोर होने का कारण कैल्शियम की कमी ही है। दूध से बने प्रोडक्‍ट जैसे कि पनीर और दही में भी खूब कैल्शियम पाया जाता है, इसलिए नियमित रूप से इन्हें भी अपने खाने में शामिल करें। दही से ना सिर्फ कैल्शियम मिलता है बल्कि यह हमारी बॉडी को इंफेक्शन से भी बचाती है।

आइये दोस्तों जानते है, शरीर में कैल्शियम की कमी के लक्षण….

अंजीर

अंजीर को भी कैल्शियम का अच्छा सोर्स माना जाता है। इसके नियमित सेवन से हड्डियों से संबंधित बीमारियां तो दूर भागती ही हैं, साथ ही यह हड्डियों का विकास भी करता है। दरअसल अंजीर में फास्‍फोरस भी होता है और यही तत्व हड्डियों का विकास करता है। अंजीर के 1 कप खाने से बॉडी को लगभग 240 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है। इसके अलावा इसमें फाइबर, विटामिन के और पोटेशियम भी पाया जाता है। रोजाना खाली पेट अंजीर खाने से कब्ज, पाचन संबंधित समस्याएं भी दूर होती हैं।

टमाटर में विटामिन-के

टमाटर में विटामिन-के होता है और ये कैल्शियम का भी अच्छा सोर्स होता है। इसलिए रोजाना टमाटर को अपनी डाइट में शामिल करें। टमाटर हड्डियों को तो मजबूत बनाता है साथ ही बॉडी में कैल्शियम की कमी को भी पूरी करता है।

आइये दोस्तों जानते है, शरीर में कैल्शियम की कमी के लक्षण….

ब्रोकली

ब्रोकली..यह एक ऐसी सब्जी है जिसे बच्चों से लेकर बड़े-बुजर्ग और महिला-पुरुष सभी को खानी चाहिए क्योंकि अगर दूध और सोयाबीन के बाद किसी फूड में सबसे ज्यादा कैल्शियम है तो वो ब्रोकली ही है। इसमें कैल्शियम के अलावा जिंक, फास्‍फोरस, डायटरी फाइबर, विटामिन बी -6, विटामिन-ई, मैग्‍नीजख्‍ क्‍लोरीन, विटामिन बी-1 और कैरोटीन की फॉर्म में विटामिन-ए भी मौजूद होता है।

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चीज

चीज भी कैल्शियम से भरपूर होती है, इसलिए इसे रोजाना खाएं, लेकिन ध्यान रहे इसकी मात्रा सीमित रखें वरना फैट बढ़ सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि हर तरह के चीज कैल्शियम से भरपूर होते हैं, इसलिए आप जो चाहें चीज का वो फॉर्म खा सकती हैं।

पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए अपनाए ये डाइजेस्टिव फ्रेंडली ड्रिंक्स

पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए अपनाए ये डाइजेस्टिव फ्रेंडली ड्रिंक्स, पाचन क्रिया को डिटॉक्स करना आवश्यक है क्योंकि हम विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं जो पाचन क्रिया पर भार डालते हैं। समय-समय पर डिटॉक्स करने से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कि अपच, कब्ज, ब्लोटिंग आदि से बचा जा सकता है। यहाँ 6 डाइजेस्टिव फ्रेंडली ड्रिंक्स हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं….

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1. अदरक की चाय- अदरक की चाय पाचन स्वास्थ्य में सुधार करती है और सीने में जलन, पेट दर्द और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है।
2. लेमनग्रास टी – लेमनग्रास टी पेट को शांत करती है और पाचन कार्यों को नियंत्रित रखती है। यह पेट की समस्याओं जैसे सूजन और कब्ज के लक्षणों को कम करती है।
3. अजवाइन का पानी – अजवाइन का पानी एसिडिटी से छुटकारा पाने में मदद करता है और पाचन तंत्र को सक्रिय करता है।

पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए अपनाए ये डाइजेस्टिव फ्रेंडली ड्रिंक्स

4. नींबू पानी – नींबू पानी पाचन क्रिया को उत्तेजित करता है और पेट की समस्याओं को दूर करता है।
5. दालचीनी चाय- दालचीनी चाय पाचन क्रिया को सुधारती है और पेट की समस्याओं को दूर करती है।
6. ग्रीन टी – ग्रीन टी पाचन क्रिया को उत्तेजित करती है और पेट की समस्याओं को दूर करती है।

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इन ड्रिंक्स को अपनाकर आप पाचन संबंधी समस्याओं को दूर कर सकते हैं और अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ रख सकते हैं।

खाली पेट कॉफी पीने के साइड इफेक्ट जानकर आप भी हो जाओगे हैरान

खाली पेट कॉफी पीने के साइड इफेक्ट जानकर आप भी हो जाओगे हैरान, आइए दोस्तो जानते जानते आखिर खाली पेट कॉफी पीने से आपके शरीर पर किस तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं। तो चलिए जानते है, इस आर्टिकल के माध्यम से पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक….

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1. स्ट्रेस हार्मोन में वृद्धि: खाली पेट कॉफी पीने से बॉडी में कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ सकता है, जो ओव्यूलेशन, वजन और हार्मोनल संतुलन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।

खाली पेट कॉफी पीने के साइड इफेक्ट जानकर आप भी हो जाओगे हैरान

2. मूड में बदलाव: खाली पेट कॉफी पीने से बॉडी में कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, जिसकी वजह से आपको घबराहट, कंपकंपी और मूड में बदलाव सहित अन्य प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

3. एसिडिटी का खतरा: कॉफी एसिडिक होती है, और जब इसे खाली पेट पिया जाता है, तो यह पेट की एसिडिटी की समस्या को बढ़ा सकती है।

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4. पोषक तत्वों के अवशोषण पर असर: कॉफी में टैनिन नामक कंपाउंड होते हैं, जो आयरन और कैल्शियम सहित कुछ पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं।

अनचाहे फैट को कम करने के लिए फॉलो कर इन टिप्स को…

अनचाहे फैट को कम करने के लिए फॉलो कर इन टिप्स को…नमस्कार दोस्तों अगर आप भी इन दिनों में अपने अनचाहे फैट को कम करना चाहते है, तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होने वाला है, तो चलिए जानते है, अनचाहा फैट कम करने की टिप्स विस्तार से….

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1. पानी पिएं और कूल्हों की चर्बी घटाएं

पानी पीना शरीर से फैट को निकालने में मदद करता है। पानी पीने से लिवर फैट को एनर्जी में बदलता है, जिससे मेटाबॉल्जिम तेज होता है। पानी पीने से पेट भी भरा हुआ महसूस होता है, जिससे वजन बढ़ने से बचा जा सकता है।

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2. हेल्दी डाइट अपनाएं

बाहर का खाना खाने से बचें और घर का बना शुद्ध हेल्दी डाइट लें। डाइट में लो कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों को शामिल करें और लो कैलोरी युक्त फूड्स का सेवन करें।

3. एरोबिक एक्सरसाइज करें

एरोबिक्स एक्सरसाइज शरीर से एक्स्ट्रा चर्बी को कम करने में मदद करता है। एरोबिक्स एक्सरसाइज खासकर के कमर के आसपास के मोटापे को कम करने में मदद करता है। कूल्हों के एक्स्ट्रा फैट को कम करके इन्हें टोन करता है। एरोबिक्स एक्सरसाइज से जांघों की चर्बी भी कम होती है। आप साइकलिंग करें, प्रतिदिन टहलें या तेज दौड़ें।

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4. नारियल तेल से मालिश करें

नारियल तेल से मालिश करने से भी कूल्हों, कमर और जांघों के पास जमी चर्बी कम हो सकती है। नारियल तेल में फैटी एसिड त्वचा के जरिए कोशिकाओं की झिल्ली में अवशोषित होते हैं, जिससे फैट ऊर्जा में बदलने लगते हैं। मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट करता है नारियल तेल, जिससे भूख कम लगती है। प्रतिदिन आप कमर और कूल्हों के पास इस तेल से मालिश करें।

आईए जानते है, हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण शरीर के किन अंगो में होता है, दर्द

आईए जानते है, हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण शरीर के किन अंगो में होता है, दर्द

  1. पीठ और कमर में दर्द: हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण पीठ और कमर में दर्द हो सकता है, जो अक्सर थकान या हड्डियों की कमजोरी के साथ जोड़कर देखा जाता है।

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2. दांतों में दर्द: हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण दांतों और जबड़ों में दर्द हो सकता है, जो अक्सर दांतों की सेंसिटिविटी या कैविटी के साथ जोड़कर देखा जाता है।

आईए जानते है, हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण शरीर के किन अंगो में होता है, दर्द

3. पैरों में दर्द: हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण पैरों में दर्द हो सकता है, जो अक्सर पैरों की थकान या मांसपेशियों की कमजोरी के साथ जोड़कर देखा जाता है।

4. हाथों में दर्द: हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण हाथों में दर्द हो सकता है, जो अक्सर हाथों की थकान या मांसपेशियों की कमजोरी के साथ जोड़कर देखा जाता है।

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हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण होने वाले दर्द को अक्सर अन्य कारणों के साथ जोड़कर देखा जाता है, लेकिन अगर आपको बार-बार यह समस्या महसूस हो रही है तो अपने डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करें।