लकड़हारा और सुनहरी कुल्हाड़ी की कहानी | Motivational hindi story

नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप सब। हम आज आपके लिए लेकर आए हैं एक मोटिवेशनल Hindi story इस हिंदी कहानी संग्रह में एक लकड़हारे की इमानदारी का वर्णन किया गया है जैसे एक ईमानदार लकड़हारे ने सोने की कुल्हाड़ी को त्याग दिया और लोहे की कुल्हाड़ी अपना ली। आइए पढ़ते हैं लकड़हारे और सुनहरी कुल्हाड़ी की hindi kahani कृपया ध्यान पूर्वक बैठे और मनोरंजन करें। 

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लकड़हारा और सुनहरी कुल्हाड़ी की कहानी | Motivational hindi story

बहुत समय पहले की बात है एक गांव में एक कुसुम नाम का लकड़हारा रहता था वह रोज जंगल में जाता था और लकड़ियों को काटकर उनको बाजार में बेचता था और उससे अपना गुजारा करता था वह यह काम सालों से करता आ रहा था। 

हिंदी कहानी संग्रह | Motivational story in hindi

एक बार की बात है वह लकड़हारा एक नदी के किनारे एक पेड़ की टहनियों को काटने के लिए उस पर चढ गया जब वह उस पेड़ की टहनियां काट रहा था तब उसके हाथ से उसकी कुल्हाड़ी छूट कर नीचे नदी में गिर गई तभी वह लकड़हारा पेड़ से उतरा और अपने कुल्हाड़ी को ढूंढने लगा उसको यह लगा था कि उसकी कुल्हाड़ी नदी के आसपास कहीं पर गिर गई है इसलिए वह नदी के आसपास अपनी कुल्हाड़ी को ढूंढ रहा था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ था क्योंकि जो उसकी कुल्हाड़ी थी वह सीधा नदी में जाकर गिरी थी और नदी बहुत गहरी थी और नदी का बहाव भी तेज था।

छोटी कहानी इन हिंदी | Small story in hindi

फिर बहुत देर तक लकड़हारा अपने को लाडी को ढूंढता रहा लेकिन जब उसको कुल्हाड़ी नहीं मिली तो वह बहुत निराश हो गया उसको लगा किया उसकी कुल्हाड़ी कभी उसे वापस नहीं मिलेगी वह यह सोच कर बहुत दुखी हो गया था और लकड़हारे के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह दूसरी कुल्हाड़ी खरीद सके और वह यही सब सोचकर नदि किनारे बैठ कर रोने लगा जब लकड़हारा वहां बैठ कर रो रहा था तब लकड़हारे की रोने की आवाज सुनकर वहां पर नदी के देवता प्रकट हुए।

बाल कहानी इन हिंदी | hindi kahani for kids

नदी के देवता ने उस लकड़हारे से पूछा बेटा तुम रो क्यों रहे हो तुम्हारा कुछ खो गया है क्या नदी के देवता की इतनी बात सुनकर लकड़हारे ने उनको सारा वृत्तांत सुनाया कैसे कुल्हाड़ी उस के हाथ से छूट कर नीचे गिरी और फिर मिली नहीं यह सब लकड़हारे नदी के देवता को सुनाया। लकड़हारे की पूरी बात सुनकर नदी के देवता ने उसकी मदद करने की बात बोली और इतना कहकर वह चले गए।

बाल कहानी पंचतंत्र | story in hindi

फिर कुछ देर बाद नदी के देवता नदी से बाहर आए और वह लकड़हारे से बोले मैं तुम्हारी कुल्हाड़ी ढूंढता ले आया हूं नदी के देवता की यह बात सुनकर लकड़हारे के चेहरे पर मुस्कान आ गई। फिर नदी के देवता ने लकड़हारे से कहा यह लो क्या यही तुम्हारी कुल्हाड़ी थी लकड़हारे ने देखा नदी के देवता के हाथ में उन्हें रंग की कुल्हाड़ी थी यह देखकर लकड़हारा मायूस हो गया उसने कहा यह सुनहरा की आईडी मेरी नहीं है यह सोने की कुल्हाड़ी है यह जरूर किसी अमीर आदमी की होगी लकड़हारे की यह बात सुनकर नदी के देवता फिर से गायब हो गए।

Motivational story in Hindi | अच्छी कहानी।

फिर कुछ देर बाद नदी के देवता एक नई कुल्हाड़ी के साथ फिर प्रकट हुए हैं इस बार उनके हाथ में चांदी की कुल्हाड़ी थी उन्होंने लकड़हारे से पूछा क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है लकड़हारे ने कहा नहीं यह भी मेरी कुल्हाड़ी नहीं है यह भी किसी दूसरे इंसान की कुल्हाड़ी होगी यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है मुझे तो बस अपने वाली कुल्हाड़ी ही चाहिए फिर लकड़हारे की बात सुनकर नदी के देवता वहां से चले गए।

शॉर्ट स्टोरी इन हिंदी | short story in Hindi

और थोड़ी देर बाद फिर से नदी के देवता प्रकट हुए इस बार उनके हाथ में लोहे की कुल्हाड़ी थी यह देख कर लकड़हारा खुशी से उछल पड़ा नदी के देवता ने कहा क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है तब लकड़हारे ने कहा आपके हाथ में जो कुल्हाड़ी है मेरी भी कुल्हाड़ी बिल्कुल ऐसी ही थी वह मेरे हाथ से छूट कर नीचे गिर गई थी आप यह कुल्हाड़ी मुझे दे दीजिए और जो दूसरे खिलाड़ी हैं उनको उनके मालिक तक पहुंचा दीजिए।

हिंदी कहानियां | Hindi stories

लकड़हारे की ईमानदारी को देखकर और उसके मन की स्वच्छता को देखकर नदी के देवता बहुत प्रसन्न हुए उन्होंने लकड़हारे से बोला कि तुम्हारे मन में बिल्कुल भी पाप नहीं है तुम्हारे मन में बिल्कुल भी लालच नहीं है अगर तुम्हारी जगह कोई और होता तो वह सोने की कुल आईडी को ले लेता लेकिन आपने ऐसा बिल्कुल नहीं किया और चांदी की कुल्हाड़ी को भी आपने लेने से मना कर दिया तुम सिर्फ अपने कुल्हाड़ी लेना चाहते थे तुम्हारे इस सच्चे मन की मैं प्रशंसा करता हूं और मैं तुमको बाहर में चांदी की और सोने की दोनों कुल्हाड़ी भेट करता हूं तुम अपने लोहे की कुल्हाड़ी के साथ-साथ मेरी इस भेट को भी स्वीकार करो। 

इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें लालच कभी नहीं करना चाहिए इमानदारी से बड़ी दौलत इस दुनिया में कुछ नहीं है अगर आप ईमानदार रहोगे तो जीवन में बहुत कुछ प्राप्त कर पाओगे जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की होगी।

निष्कर्ष।

हमारे द्वारा सुनाई गई लकड़हारा और सुनहरी कुल्हाड़ी की Hindi kahani | Hindi story आपको पसंद आई होगी अगर यह कहानी आपको अच्छी लगी तो इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं आपको यह कहानी कैसी लगी। 

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